STEAM Education क्या है, कैसे करे ?

STEAM Education क्या है

STEAM Education क्या है

किसे कहते हैं STEAM Education…….,इस एजुकेशन के अंतर्गत कौन-कौन से विषय मुख्य हैं……,इस एजुकेशन की शुरुआत कबसे करनी चाहिए…..?

दोस्तों आज की दुनिया तकनीकी हो गई है और इस वर्तमान समय में हर बच्चा या हर इंसान अपना – अपना भविष्य उज्जवल करना चाहता है। जिसके लिए हर कोई अपनी भावी जिंदगी में सबसे आगे बढ़ने के लिए दिन – रात मेहनत करता रहता है। जिसमें से कुछ लोग तो सफलता प्राप्त कर लेते हैं लेकिन कुछ लोग सफल नहीं हो पाते हैं और अपने जीवन में उन्हें अनेकों कष्ट का सामना करना पड़ता है। दोस्तों, आज हम अपने इस ब्लॉग costudybuddy.com में विषय से संबंधित बातों की चर्चा करेंगे

सफलता हमें यूं ही प्राप्त नहीं होती है ,सफलता प्राप्त करने के लिए हमें शुरुआती दौर से ही तैयारी करनी पड़ती है। जैसे एक मकान को खड़ा करने के लिए सबसे पहले उसकी नींव को बड़े ही मजबूती से बनाना पड़ता है ताकि मकान को कितना भी ऊंचा उठा लो वह गिरे ना या फिर उसमें रहने वाले लोगों को उस मकान से कोई खतरा ना हो, अगर जिस मकान के नीव बड़ी ही मजबूत रहती है तो कोई भी आंधी तूफान आ जाए मकान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है

लेकिन वही जिस मकान की नींव  पक्की नहीं होती हैं या मजबूत नहीं होती हैं वह मकान  हल्की सी आंधी – तूफान में गिर जाते हैं और उसमें रहने वाले  लोगों के जान – माल  का नुकसान होता है। इसलिए मकान को तैयार करने से पहले या बनाने से पहले उसके नीम की मजबूती पर ज्यादा ध्यान देना पड़ता है क्योंकि मकान की मजबूती और खूबसूरती उसके नीव पर या उसके नींव की मजबूती पर टिकी रहती है

ऐसे ही अपने भविष्य का निर्धारण अपनी रुचि ,अपनी क्षमता के अनुसार शुरुआत से ही करनी होती है। अगर आप पहले से ही यह सोच ले कि हमें आगे चलकर बनना क्या है तो हम उस क्षेत्र की तैयारी शुरुआती दौर से ही करना शुरू कर देते हैं ताकि आगे चलकर हमें कोई भी परेशानी ना हो और समय के साथ ही हम सफलता को प्राप्त कर लें।

क्या है यह STEAM Education …..

दोस्तों STEAM Education से तात्पर्य…

S – Science (विज्ञान)

T – Technology(तकनीकी)

E – Engineering(अभियांत्रिकी)

A – Arts(कला)

M – Mathematics(गणित) , से है।

STEAM Education एक ऐसा शिक्षण उपागम है जिसमें विज्ञान, तकनीकी ,अभियांत्रिकी ,कला और गणित जैसे विषय शामिल हैं। इसमें बच्चों को तर्क – वितर्क करना ,जांचना – परखना ,खोज करना ,स्वयं करके सीखना, समस्या का समाधान अपने तर्क द्वारा करना आदि का अधिगम करते हैं या सीखते हैं।

इस पद्धति के अंतर्गत एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को शुरू से ही विज्ञान तकनीकी अभियांत्रिकी कला और गणित जैसे विषयों को एक दूसरे से सह संबंधित करके सिखाता है। जिससे बच्चे इन सभी विषयों को एक दूसरे से सह संबंधित करके सीखते हैं और उनके सीखने की, तर्क – वितर्क करने की क्षमता अत्यधिक बढ़ती जाती है।

इस पद्धति का मकसद यह है कि बच्चों को शुरू से ही सभी सभी विषयों के बारे में जानकारी दी जाए तथा उन्हें सभी विषयों को एक दूसरे से सहसंबंध करके सिखाया जाए जिससे पढ़ने में उनकी रुचि बढ़े, वह अपने भविष्य का निर्धारण समय से कर सकें ताकि सफलता प्राप्त करने में उन्हें कष्ट या अत्यधिक कठिनाई का सामना ना करना पड़े, उन्हें अपने भविष्य में क्या बनना है उनका लक्ष्य क्या है

वह समय से निर्धारित कर सकें ताकि वह अपने लक्ष्य पर पूरी मेहनत के साथ काम कर सकें और अपने लक्ष्य को हासिल करें।

STEAM Education का मतलब क्या है….?, भविष्य में इसका उपयोग…..?

इस STEAM शिक्षण पद्धति की शुरुआत करने का लक्ष्य है कि विद्यार्थियों को एक ऐसी शिक्षा दी जाए जिससे उनमें तर्क – वितर्क करने की क्षमता ,सोचने की क्षमता, जांचने – परखने की क्षमता ,सूझ – बूझ की क्षमता ,किसी भी समस्या को हल करने के लिए तर्क- वितर्क करने की क्षमता आदि बातों का गुण उनमें बचपन से ही डाला जाए

ताकि वह अपने भविष्य को उज्जवल बना सके क्योंकि एक सफल विद्यार्थी ही हमारे देश के भविष्य को उज्ज्वल बना सकता है अर्थात हमारे देश का भविष्य ही हमारे युवा पीढ़ी के भविष्य पर निर्धारित करता है

इस शिक्षण पद्धति के अंतर्गत आने वाले पांचो विषय(विज्ञान, तकनीकी,अभियांत्रिकी,कला और गणित) विभिन्न कैरियर के नीव का निर्धारण करते हैं तथा उन कैरियर के नीव का भी निर्धारण करते हैं

जो भविष्य में आने वाले हैं। इस पद्धति का मुख्य उद्देश्य है कि एक छात्र संपूर्ण विषयों को सह संबंधित करके उसकी अवधारणाओं को समझें, उस विषय में किन-किन बातों को दर्शाया गया है वह उन सभी को अपनी सोच से अपनी सूझबूझ की क्षमता से समझे तथा अपनी रूचि के अनुसार ही भविष्य में सफल होने के लिए अपने पथ का निर्धारण करें।

इस पद्धति में बच्चों को अनेक प्रायोगिक कार्य दिए जाते हैं, उनमें सोचने समझने की क्षमता को विकसित करने के लिए उनकी एक टोली बनाई जाती है और उन्हें समस्या दी जाती हैं जिसका समाधान वह अपने सूझबूझ से करते हैं। इससे एक छात्र में एक समस्या का समाधान करते हुए खुद सोचने समझने की क्षमता का विकसित होना ही STEAM Education होता है।

आज के समय में सभी स्कूलों में इस पद्धति का उपयोग किया जाता है ।इन सभी विषयों को आज छोटे बच्चों को या छोटी उम्र से ही इन विषयों को बच्चों को पढ़ाया जाता है फिर भी कहीं ना कहीं हम चुक जा रहे हैं

जिसके कारण आज बहुत से बच्चे अपने भविष्य का, अपने लक्ष्य का निर्धारण समय से नहीं कर पाते हैं। इसलिए हमारी कोशिश होनी चाहिए कि एक शिक्षक के तौर पर हम इस एजुकेशन का उपयोग तीव्रता से करें और हमारी कोशिश है कि सभी बच्चे की समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें कार्यरत बनाएं मानसिक व शारीरिक दोनों ही रूप में।

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STEAM शिक्षण पद्धति का उपयोग कैसे करें….

इस शिक्षण पद्धति का उपयोग सभी शिक्षकों को अपने छात्रों के लिए ,उनके उज्जवल भविष्य के लिए करना चाहिए क्योंकि एक शिक्षक ही ऐसा माध्यम है या ऐसा व्यक्ति है जिसके द्वारा एक छात्र अपने भविष्य को  संवारता  व सजाता है,

एक शिक्षक के माध्यम से ही छात्र अपनी गलतियों को सुधारता है तथा गलत और सही में अंतर समझता है। नीचे दिए गए निम्नलिखित बिंदु हैं जिनका पालन करते हुए आप STEAM Education पद्धति को अपनी कक्षा का नियमित हिस्सा बना सकते हैं…..

  1. छात्रों को खेल-खेल के माध्यम से कला ,विज्ञान , गणित आदि  STEAM के विषय को पढ़ाने की कोशिश करें।
  2. छात्रों के छोटे-छोटे समूह बनाकर उनको एक एक समस्या दें तथा उन समस्याओं का समाधान करने को कहें जिससे उनमें आपस में बहस करने,तर्क – वितर्क  करने ,चर्चा करने,आदि के गुण विकसित होंगे।
  3. छात्रों को प्रायोगिक कार्य दें ताकि उनमें ….करके सीखने की क्षमता का विकास हो।
  4. कक्षा को संवेदनात्मक बनाएं, कक्षा में ऐसी गतिविधियां कराते रहें जिससे छात्रों को अपनी रुचि के बारे में पता चले और वह इस टाइम विषयों के बारे में और जानकारी प्राप्त करें।
  5. छात्रों को अलग-अलग तरह के होमवर्क दे, जिनमें छात्रों की मानसिक व शारीरिक दोनों गतिविधियां शामिल हो।
  6. छात्रों को नियमित रूप से वर्तमान समय में चल रही परियोजनाओं से संबंधित प्रोजेक्ट्स दें जिससे उनकी मानसिक क्षमता का विकास हो सके।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस शिक्षण पद्धति का पालन अपने कक्षा में नियमित रूप से कहना चाहिए ताकि हमारे छात्र अपनी रूचि का अपने भविष्य का अपने लक्ष्य का निर्धारण शुरुआती दौर में ही कर लें और उसकी तैयारी भी शुरू कर दें क्योंकि यह बात सत्य है

कि हमारी रुचि जिस चीज में होती है हम उसी कार्य को करने में अत्यधिक सफल होते हैं इसलिए अपने लक्ष्य का निर्धारण करने से पहले हमें अपनी रुचि अपनी क्षमता का ज्ञान होना अति आवश्यक होता है जो हमारे शिक्षक के माध्यम से ही प्राप्त होता है। Amer

Conclusion….

दोस्तों ,आज हमने अपने इस पोस्ट में STEAM Education से संबंधित विभिन्न पक्षों पर चर्चा की है। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह पोस्ट पसंद आया।आप इसे Like और Share जरूर करें ताकि आपके जैसे और भी बहुत सारे ऐसे लोग होंगे जिनको इस शिक्षण पद्धति के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। अगर आपको हमारे इस पोस्ट से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना हो तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं हम पूरी कोशिश करेंगे आपको आपके प्रश्नों का जवाब देने का।

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धन्यवाद…..

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