UPTET की तैयारी कैसे करें……..?

UPTET

UPTET की तैयारी कैसे करें……..?

नमस्ते दोस्तों ……स्वागत है आपका costudybuddy.com ब्लॉग  में ।दोस्तों देखा जाए तो आजकल भारत का हर एक नागरिक नौकरी के लिए परेशान है क्योंकि नौकरी ही एक ऐसा साधन है जिससे हर कोई अपनी आजीविका बहुत अच्छे से चला सकता है तथा हर कोई यह चाहता है कि वह अपने पैरों पर खड़ा हो, कुछ करें ,जग में अपनी एक पहचान बनाएं ताकि वह अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए किसी पर आश्रित ना रहें किसी पर बोझ ना बने । ऐसी बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके समक्ष “UPTET कैसे करें ….”इस सवाल का जवाब  लेकर आए हैं ।

UPTET यानी ‘उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता योग्यता ‘अर्थात उत्तर प्रदेश में शिक्षक के लिए सरकारी नौकरी की योग्यता।दोस्तों वर्तमान समय में हर कोई चाहता है कि वह एक सरकारी नौकरी करें क्योंकि सरकारी नौकरी पर यह  विश्वास है कि उनकी नौकरी सुरक्षित है ।वैसे भी नौकरी सरकारी हो या प्राइवेट हो नौकरी तो नौकरी होती है फिर भी लोग यह कोशिश करते हैं कि उन्हें सरकारी नौकरी मिले हालांकि लोग इंजीनियर, डॉक्टर और बड़े – बड़े बिजनेसमैन बनना चाहते हैं उसके साथ-साथ लोग शिक्षक भी बनना चाहते हैं क्योंकि शिक्षक अपने आप में एक अति सम्मानजनक पद है इसका मतलब आप यह बिल्कुल मत समझिएगा कि इंजीनियर ,डॉक्टर सम्मानजनक पद नहीं है वह भी सम्मानजनक पद है लेकिन इंजीनियर, डॉक्टर को भी बनाने वाले गुरु होते हैं जिन्हें ” शिक्षक ” कहा जाता है ।

TET की तैयारी 

शिक्षक बनने के लिए हमें UPTET की  परीक्षा को पास करना होगा चुंकि हम उत्तर प्रदेश के नागरिक हैं इसलिए हमें UPTET पास करना होगा ,जो राजस्थान के होंगे उनके लिए आरटेट होगा ,इसी प्रकार हर जिले की अपनी-अपनी शिक्षक पात्रता योग्यता यानी टेट की परीक्षा होती है। UPTET में 2 पेपर होते हैं पेपर 1 और पेपर 2 ,पेपर 1 प्राइमरी के लिए होता है तथा पेपर 2 जूनियर के लिए होता है ।हर परीक्षार्थी अपनी योग्यता के अनुसार पेपर 1 या पेपर 2 अथवा पेपर 1 व 2 दोनों परीक्षाएं दे सकता है ।

TET  की परीक्षा वह छात्र दे सकते हैं जो स्नातक हो तथा जिनके पास B.ED व BTC की डिग्री हो । B.ED व BTC की डिग्री इसलिए अनिवार्य होती है क्योंकि इसमें हमें एक शिक्षक बनाया जाता है अर्थात ट्रेनिंग दी जाती हैं , शिक्षक को कैसा होना चाहिए , शिक्षक का स्वभाव लचीला होना चाहिए ,बच्चों को किस शिक्षण विधि के द्वारा पढ़ाया जाना चाहिए , बच्चों की पढ़ाई में किस प्रकार रुचि लाना है , एक समावेशी कक्षा में सभी बच्चों के मनोभावों को समझते हुए सभी के अनुसार पढ़ाया जाना तथा बच्चों का मानसिक व सामाजिक विकास अर्थात सर्वांगीण विकास पर बल देना, इत्यादि ।

UPTET की परीक्षा के लिए अनिवार्य विषय

वैसे देखा जाए तो UPTET का सिलेबस CTET के सिलेबस से बिल्कुल मिलता जुलता है बस अंतर इतना होता है कि UPTET के लिए हमें गहन अध्ययन करने की आवश्यकता होती है अर्थात UPTET में हमें उत्तर प्रदेश से संबंधित विभिन्न विषय वस्तु का अध्ययन तो करना होता ही है साथ ही साथ विश्व  के स्तर के भौगोलिक क्षेत्रों का भी अध्ययन करना आवश्यक होता है। UPTET की परीक्षा के लिए निम्नलिखित विषयों का अध्ययन करना अनिवार्य होता है क्योंकि इन्हीं विषयों में से UPTET की परीक्षा में सवाल पूछे जाते हैं…….

  1. बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र
  2. हिंदी भाषा
  3. अंग्रेजी भाषा या संस्कृत भाषा या उर्दू भाषा
  4. पर्यावरण अध्ययन
  5. गणित
  6. सामाजिक अध्ययन (पेपर 2 के लिए )    

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र

 इस विषय का अध्ययन पेपर 1 और  पेपर 2 दोनों के लिए किया जाता है। इस विषय के अंतर्गत बालक के विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका संबंध; बालकों के विकास के सिद्धांत ,अनुवांशिकता और उनपर पर्यावरण का प्रभाव ;बालकों के समाजीकरण की प्रक्रियाए;पाई गेट कोहलवर्ग और वाइगोत्सकी का संदेश ;बाल केंद्रित आगामी शिक्षा की अवधारणाएं; बालकों के बौद्धिकता के निर्माण; भाषा और चिंतन;समाज निर्माण के रूप में लिंग, लिंग की भूमिकाएं और शैक्षणिक व्यवहार;शिक्षार्थियों के मध्य व्यक्तिक विभिन्न भाषा जाति, लिंग ,समुदाय ,धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना और जानना ; अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर स्पष्ट करना ,विद्यालय आधारित मूल्यांकन ,सतत एवं व्यापक मूल्यांकन ।

समावेशी शिक्षा की अवधारणा को समझना ; विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना तथा अधिगम और अध्यापन के विषय में निश्चित जानकारी होना अर्थात शिक्षा बाल केंद्रित हो,विद्यालय में बालकों की रुचि व उनकी क्षमता के अनुसार पढ़ाया जाना आदि विषयों की जानकारी होना आवश्यक है । इस विषय में कुल 30 प्रश्न आते हैं 15 प्रश्न बाल विकास के अध्यापन से होते हैं तथा 15 प्रश्न बाल विकास से होते हैं ।

हिंदी भाषा

 इस भाषा के अंतर्गत भाषा बोधगम्यता अर्थात अपठित अनुच्छेदों को पढ़ा जाता है जिसमें दो अनुच्छेद होते हैं एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष ,व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं ।

इस विषय में भी हिंदी भाषा विकास का अध्यापन से संबंधित प्रश्न आते  है जिसमें अधिगम और अर्जन ;भाषा अध्यापन के सिद्धांत; सुनने और बोलने की भूमिका; मौखिक और लिखित रूप से विचारों के संप्रेषण के लिए भाषा का प्रयोग ;एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने  से संबंधित तथ्य ; भाषा कौशल; भाषा की बोधगम्यता और उसका मूल्यांकन करना : बोलना, सुनना , पढ़ना और लिखना , आदि पक्षों का अध्ययन किया जाता है ।इस विषय में भी कुल 30 प्रश्न आते हैं जिसमें 15 प्रश्न भाषा बोधगम्यता से होते हैं तथा 15 प्रश्न भाषा विकास का अध्यापन का होता है।

अंग्रेजी भाषा / संस्कृत भाषा या उर्दू भाषा

पेपर 1अथवा पेपर 2 दोनों में English,संस्कृत और उर्दू में से किसी एक विषय का चयन करना होता है। इन तीनों विषयों में से जिस विषय में आपकी योग्यता हो तथा आपकी रूचि हो उस विषय का चयन आप पेपर 1और पेपर 2 के लिए करते हैं। तीनों विषयों में अध्ययन करने वाले महत्वपूर्ण तथ्य निम्न है………

Englishअंग्रेजी विषय में अध्ययन करने हेतु महत्वपूर्ण तथ्य…….

Unseen Passage ;The Sentence ;Parts Of Speech ;Kinds Of Noun; Pronoun :Adverb: Adjective ;Verb;Preposition ;Conjunction ;Tenses ; Word Formation Etc.

इस विषय में भी English pedagogy से रिलेटेड प्रश्न आते हैं।इसमें भी कुल 30 प्रश्न होते हैं जिनमें 15 प्रश्न English pedagogy से तथा 15 प्रश्न अन्य तथ्यों से आते हैं ।

संस्कृत भाषा = इस विषय में भी कुल 30 प्रश्न होते हैं जिनमें 15 प्रश्न संस्कृत भाषा विकास का अध्यापन a अर्थात Sanskrit Pedagogy से होता है तथा 15 प्रश्न निम्नलिखित तथ्यों से होता है…….

अपठित अनुच्छेद की संज्ञाएं में अकारांत पुलिंग ;अकारांत स्त्रीलिंग ;अकारांत नपुंसकलिंग; सर्वनाम ;क्रिया ;विभिन्न क्षेत्रों में संस्कृत नामों से परिचय; अव्यय; संधि; लिंग ;वचन ;काल ;कारक इत्यादि से संबंधित विभिन्न तथ्यों का अध्ययन करना अनिवार्य होता है ।

उर्दू भाषा =  इस  विषय में अपठित अनुच्छेद ;जबान की फन्नी; महारतों की मालूमात; मशहूर अजीबो एवं शायरों की जिंदगी व उनकी रचनाएं; सही इमला; मुहावरे ;कहानियां हिकायतों आदि में सामाजिकरण को समझना इत्यादि से संबंधित तथ्यों का अध्ययन किया जाता है ।

पर्यावरण अध्ययन

इस विषय में कुल 30 प्रश्न आते हैं जिसमें से 15 प्रश्न अध्यापन संबंधी मुद्दों पर आधारित होते हैं तथा 15  प्रश्न पर्यावरण अध्ययन के विषय वस्तु पर आधारित होते हैं । पर्यावरण अध्ययन की विषय वस्तु अग्रोलिखित है…..

परिवार और मित्र ;संबंध; कार्य और खेल ;पशु ;पक्षी ;पौधे ;भोजन ;आश्रय ;पानी ;भ्रमण ;वे चीजें जो हम बनाते हैं और कर सकते हैं; इत्यादि।

इस विषय के अध्यापन संबंधी मुद्दे हैं_ ईवीएस की अवधारणा ;EVS का महत्व ; पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा ;अधिगम सिद्धांत ;विज्ञान और सामाजिक विज्ञान का पर्यावरण अध्ययन से सह संबंध ; बालकों के मध्य पर्यावरण अध्ययन पर चर्चा करवाना; क्रियाकलाप करवाना ;उपकरण ;बालकों के समस्या का समाधान ;इत्यादि।

गणित

इस विषय में भी कुल 30 प्रश्न होते हैं जिसमें से 15 प्रश्न गरीब के अध्यापन संबंधी मुद्दों पर आधारित होते हैं तथा 15 प्रश्न गणित के विषय वस्तु से होते हैं। जो निम्नलिखित प्रकार से हैं……

 गणित में ज्यामिति ;आकार और स्थानिक मान की समझ ;हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थों का आकलन; संख्याएं जोड़ना और घटाना ; गुणा करना ;विभाजन करना ;मापन करना सीखना; भार जानना ;समय ;परिमाण ;आंकड़ा प्रबंधन; पैटर्न जानना ;राशि ज्ञात करना; इत्यादि ।

गणित के अध्यापन संबंधी मुद्दों में गणितीय या तार्किक चिंतन की प्रकृति को जानना, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नो तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्य नीति को समझना; पाठ्यचर्या में गणित का स्थान ;गणित की भाषा ;सामुदायिक गणित; गणित का अन्य विषयों से संबंध ;गणित में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण; गणित में शिक्षा संबंधित समस्याओं को जानना इत्यादि का अध्ययन अनिवार्य होता है क्योंकि इन्हीं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं ।

सामाजिक अध्ययन ( पेपर 2 के लिए )

सामाजिक अध्ययन के अंतर्गत इतिहास, भूगोल तथा सामाजिक और राजनीतिक जीवन का अध्ययन किया जाता है । इस विषय का अध्ययन पेपर दो के लिए किया जाता है अर्थात जूनियर के लिए किया जाता है जो  भी परीक्षार्थी कक्षा 6 से 8 की परीक्षा देने के लिए आवेदन किए रहते हैं वह सामाजिक विकास का अध्ययन करते हैं । इस विषय के अंतर्गत कुल 30 प्रश्न आते हैं जिनमें से 15 प्रश्न सामाजिक विज्ञान के अध्यापन संबंधी मुद्दों (pedagogy) पर आधारित होते हैं तथा 15 प्रश्न इतिहास ,भूगोल एवं सामाजिक और राजनीतिक जीवन पर आधारित होता है।

 सामाजिक विज्ञान में इतिहास के अंतर्गत आने वाले सभी विषय वस्तुओं का अध्ययन करना अनिवार्य होता है तथा भूगोल  में आने वाले 

ग्रह: सौर्य मंडल ;ग्लोब ;मानव पर्यावरण ;संसाधन ;कृषि ;वायु आदि समस्त विषय वस्तु का अध्ययन करना अनिवार्य होता है।सामाजिक और राजनीतिक जीवन के अंतर्गत विविधता ;सरकार ;आजीविका हासिल करना ;लोकतंत्र ;राज्य सरकार ;संविधान; संसदीय सरकार; न्यायपालिका ;इत्यादि विभिन्न पहलुओं का अध्ययन अनिवार्य होता है। 

यूपी टेट की तैयारी करते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य……

1- UPTET की तैयारी करने से पहले उसके लेटेस्ट सिलेबस और उसके  एग्जाम पैटर्न को समझना अति आवश्यक होता है क्योंकि किसी भी परीक्षा की तैयारी उसके सिलेबस को अच्छे से जानने व उसके एग्जाम पैटर्न को अच्छे से समझने के बाद ही किया जाता है जिससे परीक्षा की तैयारी करते समय कोई भी परेशानी नहीं होती है। 

2- UPTET की तैयारी में NCERT  के Textbooks की भरपूर मदद लें क्योंकि यूपीटेट के अधिकांश प्रश्न एनसीईआरटी टेक्स्ट बुक से ही आते हैं।

3- UPTET के Previous year के प्रश्नों को हल करते रहें। इससे आपको यूपी टेट की परीक्षा में आने वाले प्रश्नों के बारे में पता चलेगा तथा यूपी टेट की परीक्षा में प्रश्न किस प्रकार पूछे जाते हैं उस शैली का भी ज्ञान होगा।

4- UPTET की परीक्षा में उत्तर होने के लिए आप को नियमित रूप से मॉक टेस्ट हल करना होगा इससे आपकी स्पीड बनेगी अर्थात यूपी टेट की परीक्षा ढाई घंटे की होती है अगर आप प्रतिदिन मॉक टेस्ट हल करेंगे तो आप समय  रहते अपने सभी प्रश्नों को हल करने का प्रयास करेंगे तथा सभी प्रश्नों को समय पर ही हल कर लेंगे।

5- UPTET की परीक्षा में pedagogy से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF-2005 ) के अनुसार पूछी जाती हैं। इसलिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा  (एनसीएफ-2005) से संबंधित सभी शिक्षण संबंधी मुद्दों का अध्ययन करना अनिवार्य है क्योंकि प्रत्येक विषय में पेडगॉजी से संबंधित 15 प्रश्न पूछे जाते हैं।

6- दोस्तों किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें समय-समय पर अपने परीक्षा संबंधी तथ्यों का रिवीजन करना होता है क्योंकि रिवीजन से वह सारे तथ्य हमारे दिमाग में बैठ जाते हैं तथा गलती करने की संभावना 0 के बराबर हो जाते हैं।इसलिए यूपी टेट की परीक्षा की तैयारी करते समय आप समय-समय पर सभी शिक्षण तथ्यों का रिवीजन करते रहें।

 दोस्तों हमने इस ब्लॉग में यूपी टेट की परीक्षा से संबंधित विभिन्न तथ्यों की जानकारी आपको प्रदान की है । फिर भी आपके दिमाग में कहीं कोई भी प्रॉब्लम क्रिएट हो रही हो तो आप कमेंट के द्वारा हमसे अपने समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

???? हम कामना करते हैं कि आप यूपी टेट की परीक्षा में  सफलता प्राप्त करें ………

             हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं…..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *