NDPS act
क्या है NDPS act ? क्यों पड़े इसकी आवश्यकता …..क्या है इसमें सजा का प्रावधान👇
NDPS act क्या है
“नारकोटिक्स ड्रग्स साइक्रोट्रॉफिक सब्सटेंस एक्ट “-1985 को है संक्षिप्त में एनडीपीएस एक्ट कहते हैं।
एनडीपीएस एक्ट की आवश्यकता क्यों पड़ी- देश में नशीले पदार्थ के बढ़ते सेवन को रोकने के लिए भारतीय संसद द्वारा सन 1985 में एनडीपीएस एक्ट को लाया गया । इसके अंतर्गत नशीले पदार्थों की गैर कानूनी खेती,निर्माण ,उत्पादन, भंडारण एवं विक्रय इत्यादि को रोकने के लिए कानून बनाए गए ।
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NDPS act के अंतर्गत दो तरह के नशीले पदार्थों को शामिल किया गया है
- नारकोटिक
- साइकॉट्रॉपिक
NDPS act में अभी तक तीन बार संशोधन किया जा चुका है प्रथम संशोधन वर्ष 1988 में किया गया था तथा द्वितीय एवं तृतीय संशोधन क्रमशः वर्ष 2001 एवं 2014 में किए गए ।
नशीले पदार्थो का इस्तेमाल करने तथा इसे बनाने खरीदने बेचने के खिलाफ जो देश का कानून है उसे नारकोटिक्स सूकोट्रोपिक सब्सटेंस act 1985 कहते है तहत इसका सूक्ष्म रूप एनडीपीएस एक्ट कहलाता है इसके तहत दो तरह के नशीले पदार्थ आते हैं
नारकोटिक और साइड ट्रैफिक कुछ का उत्पादन मेडिकल जरूरतों तथा अन्य कार्यों के लिए भी जरूरी होता है लेकिन उन पर कड़ी निगरानी होती है सरकार की नहीं तो लोगों में नशे की लत बढ़ सकती है इस वजह से इसी नियंत्रण के लिए एनडीपीएस एक्ट बनाया गया है
नारकोटिक और साइकॉट्रॉपिक ड्रग्स में क्या अंतर होता है?👇
- केंद्र सरकार एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित दवाओं की एक सूची जारी करती है जो समय दर समय पर राज्य सरकार की सलाह पर अपडेट होते रहते हैं तथा नारकोटिक्स ड्रग्स से आशय होता है जैसे नींद लाने वाली ड्रग्स कार्तिक जो प्राकृतिक होते हैं पियाजो हमें जमीन से प्राप्त होते हैं जैसे चरस गांजा अफीम इत्यादि।
- मस्तिष्क पर असर डालने वाले ड्रग्स को साइकोट्रोपिक ड्रग कहते है जिसे केमिकल बेस्ड बनाया जाता है जैसे LSD अल्प्राजोलम इत्यादि । बिना डॉक्टर के सहमति के बिना लिए जाने के कारण इसका उपयोग खतरनाक और नशा का कारण बनता है
NDPS act के अंतर्गत क्या है सजा के प्रावधान👇
NDPS act के तहत 10 से 20 साल की जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान हो सकता है तथा नशीली ड्रग्स की मात्रा के आधार पर केंद्र और जुर्माना लगा सकती है इस मामले में अपराधी जमानत ,पुलिस तथा उसकी अभिरक्षा के धाराओं पर निर्भर होती है
NDPS act के तहत पुलिस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 👇
ड्रग्स का अधिक मात्रा में सेवन करना रखना बेचना खरीदना एक प्रकार का जुर्म है बिना मेडिकल सलाह के ड्रग्स का अधिक मात्रा में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है तथा एनडीपीएस एक्ट की धारा 42 के अंतर्गत जो जांच अधिकारी होता है
वह बिना किसी वारंट या अधिकार पत्र के बिना ही मादक पदार्थ तथा नशीली ड्रग्स को जब्त करने का तथा गिरफ्तार करने का अधिकार रखता है और उसकी तलाशी लेने का भी अधिकार रखता है तथा धारा 41, सरकार को नशीली दवा का सेवन करने वाले की पहचान ,इलाज और पुनर्वास केंद्र की स्थापना का अधिकार देती है। TV9H
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