CTET कैसे करें……..?
हेलो फ्रेंड मै आपके अपने इस ब्लॉग costudybuddy.com में स्वागत करता हूं।आज हम आपको’ CTET की तैयारी कैसे करें …..’के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे।दोस्तों हम सभी का सपना होता है कि हम अपने भविष्य को उज्जवल बनाएं तथा सफलता प्राप्त करें।दोस्तों हर किसी का सपना होता है कि वह आदर्श जीवन यापन करें। अपने करियर के लिए एक ऐसे दिशा का चुनाव करें जिससे वह एक सम्मानजनक जीवन जी सके तथा अपने परिवार अपने मित्रों की सहायता कर सकें।
आजकल हर किसी का सपना होता है कि वह इंजीनियर बने ,डॉक्टर बने , टीचर बने ,प्रिंसिपल बने, इत्यादि।हर व्यक्ति एक सम्मानजनक जीवन की कामना करता है और वह चाहता है कि वह अपने करियर को एक उचित दिशा निर्देश दे ताकि वह सम्मानजनक जीवन के साथ-साथ एक सम्मानजनक इंसान भी बने ,हर कोई चाहता है कि समाज में लोग उसका सम्मान करें ,लोग उसका नाम ले ,उसकी एक अलग ही पहचान हो।
दोस्तों देखा जाए तो किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए हमें एक सफल शिक्षक की आवश्यकता होती है शिक्षक ही वह पहला इंसान है जो हमारे भविष्य को उचित दिशा निर्देश दे सकता है।देखा जाए तो बचपन में हमारी पहली शिक्षक मां होती हैं,…… वही हमें पढ़ना सिखाती है, लिखना सिखाती हैं ,समाज में लोगों का आदर करना सिखाती हैं, इत्यादि। उसके बाद हमारा शिक्षण या पढ़ाई विद्यालय में होता है जो हमारे शिक्षक कराते हैं….. उन्हीं के माध्यम से हम आगे की पढ़ाई शुरू करते हैं एक-एक करके बड़ी कक्षाओं में जाते हैं तथा अपनी रुचि अपनी क्षमता के अनुसार अपने भविष्य का निर्धारण करते हैं और अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए एक सही दिशा का चुनाव करते हैं जिसका अनुसरण करके हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करके एक सफल इंसान बनते हैं तथा समाज में हमें एक सम्मानजनक पद हासिल होता है।
CTET क्या है……..
दोस्तों देखा जाए तो एक शिक्षक ही ऐसा इंसान है जो बिना किसी स्वार्थ के हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है, हमारे भविष्य के लिए सही दिशा का चुनाव करने में हमारी मदद करता है, शिक्षक वह ऐसा इंसान है जो हमारी गलतियों पर हमें डांटता है ,हमें समझाता है व साथ ही साथ हमें सही करने के लिए प्रेरित भी करता है। इसीलिए कहा जाता है कि हमारे प्रथम शिक्षक हमारी मां तथा हमारे द्वितीयक शिक्षक को भगवान की श्रेणी में रखा गया है वही दोनों एक ऐसे इंसान हैं जो बिना किसी स्वार्थ के हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं ,हमारा सही दिशा निर्देश करते हैं तथा हमें हमारे भविष्य में आगे बढ़ने के लिए हमारी सहायता करते हैं। इन्हीं कारणों के कारण आजकल हर नवयुवक व नव युवतियों का यह सपना है कि वह एक शिक्षक बने समाज से रूढ़िवादिता के सोच को खत्म करके एकीकृत समाज की स्थापना कर सकें। एक समावेशी शिक्षा का निर्धारण करें ,सभी को समान अवसर प्रदान करें , हर बच्चों की सोच का नवीनीकरण करें और बच्चों की पढ़ाई को अपडेट करते रहें ताकि सभी छात्र व छात्राएं वर्तमान समय की शिक्षा को ग्रहण करें तथा वर्तमान समय की सभी जानकारियों को प्राप्त कर सकें, वर्तमान समय में समाज में हो रहे प्रत्येक घटनाओं को जान सके उनके कार्यों को समझ सके तथा वर्तमान समय की सभी समस्याओं को समझ कर उनका हल निकाल सके।
दोस्तों शिक्षक की पढ़ाई के लिए 12वीं की पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन या स्नातक करने के बाद B.Ed’ या बीटीसी से शुरुआत की जाती हैं। बीएड व बीटीसी में शिक्षक बनने कि सभी बातें सिखाई जाती हैं , छात्र अध्यापिका व छात्राध्यापक से ट्रेनिंग कराई जाती है ताकि वह भविष्य में सफल शिक्षक व शिक्षिका बन सके। बीएड व बीटीसी के बाद CTET (Central Teacher Eligibility Test) या ( केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तैयारी की जाती है।
आजकल अनेकों सफल प्राइवेट नौकरियों का प्रचलन बढ़ने के बावजूद लोग सरकारी नौकरियों को ज्यादा महत्व देते हैं। इसका मुख्य कारण है सरकारी नौकरी में सुरक्षा अर्थात सरकारी नौकरी का अर्थ होता है कि नौकरी सुरक्षित है। वर्तमान समय में लोग सरकारी नौकरियों को ज्यादा महत्व देते हैं चाहे वह किसी भी क्षेत्र में हो, चाहे वह क्षेत्र शिक्षक का ही क्यों ना हो।देखा जाए तो समय के साथ-साथ सरकारी नौकरियां पाना इतना आसान नहीं है क्योंकि प्रतियोगिता अत्यधिक बढ़ती चली जा रही है चाहे वह प्रतियोगिता सरकारी शिक्षक के नौकरी की ही क्यों ना हो। वर्तमान समय में शिक्षक की नौकरी के लिए सीटेट की परीक्षा पास करना जरूरी है ।इस परीक्षा का आयोजन हर साल होता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद अनेकों छात्र सरकारी स्कूलों जैसे नवोदय विद्यालय समिति ,केंद्रीय विद्यालय व अन्य स्कूलों में पढ़ाने के लिए योग्य हो जाते हैं। जो भी छात्र सीटेट की परीक्षा 2019 के बाद पास करता है तो उसकी मान्यता जीवन पर्यंत तक रहेगी क्योंकि केंद्र सरकार ने 2019 में इसकी घोषणा कर दी थी।
CTET की तैयारी के लिए प्रारंभिक पड़ाव…….
सीटेट में दो परीक्षा होती है पेपर 1 व पेपर 2….।प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाई करने के लिए पेपर 1 व कक्षा छह से आठवीं तक के लिए पेपर 2 होता है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप पेपर 1 देना चाहते हैं या पेपर 2 । आप अपनी योग्यता के अनुसार पेपर का चयन कर सकते हैं। दोनों पेपर में 150 प्रश्न होते हैं। दोनों पेपरों में बाल विकास व शिक्षाशास्त्र के 30 प्रश्न अनिवार्य रूप में होते हैं जो बालकों के मनोभाव एवं बाल केंद्रित शिक्षा पर आधारित होते हैं।
सीटेट की परीक्षा में अनिवार्य विषय…..
सीटेट की तैयारी करने के लिए हमें निम्नलिखित विषयों को पढ़ना अनिवार्य होता है_……
A- पेपर 1 या प्राथमिक स्तर के लिए…….
- Child development And Pedagogy(बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र)
- English Language Or Sanskrit Language(अंग्रेजी भाषा एवं संस्कृत भाषा)
- 3.Hindi (हिन्दी )
- Environmental Studies(पर्यावरण अध्ययन)
- Maths(गणित)
- सामाजिक अध्ययन (पेपर 2 के लिए )
1. बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र…..
इस विषय में हम बालकों के मनोभावों को तथा बाल केंद्रित शिक्षा के बारे में अध्ययन करते हैं। यह विषय प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए अथवा पेपर 1 तथा जूनियर स्तर की कक्षाओं (पेपर 2 )के लिए अनिवार्य होता है।इस विषय में हम बालकों के विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ-साथ बालकों के विकास का सिद्धांत ,उनके पर्यावरण ,बाल केंद्रित और प्रगामी शिक्षाओं की अवधारणाएं ,बौद्धिक क्षमता, उनके भाषाओं का चिंतन सामाजिकरण, शिक्षार्थियों के मध्य वै यक्तिक विभेद ,भाषा ,जाति ,लिंग ,समुदाय आदि की व्यवस्था पर आधारित विभेदों को समझना ,अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर स्पष्ट करना, विद्यालय आधारित मूल्यांकन एवं व्यापक मूल्यांकन को समझना ,शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए कक्षा में शिक्षण और चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्नों को तैयार करना…..आदि।
इस विषय के अंतर्गत समावेशी शिक्षा की अवधारणा को समझना अति आवश्यक होता है तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को भी समझना ।विभिन्न पृष्ठभूमि से आए शिक्षार्थियों के आवश्यकताओं को समझना ,उनके अधिगम संबंधित समस्याओं को हल करना ,कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना ।मेधावी ,सृजनशील, विशिष्ट ,प्रतिभावान शिक्षार्थी की आवश्यकताओं को समझना , आदि। इस विषय में अधिगम और अध्यापन का भी ज्ञान अर्जित किया जाता है ,बालक किस प्रकार सोचते हैं और सीखते हैं, वह कहां पर असफल हो रहे हैं ,उनको सफलता तक ले जाने के लिए किस शिक्षा पद्धति का इस्तेमाल किया जाए, उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए ,उनकी सोच को वैज्ञानिक दृष्टि प्रदान की जाए , उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा दि जाए ,उनके अधिगम में योगदान देने वाले कारक भी निजी आवश्यक है,,, इत्यादि सभी बातों का अध्ययन किया जाता है।
2. अंग्रेजी भाषा या संस्कृत भाषा…..
अंग्रेजी भाषा या संस्कृत भाषा में से किसी एक भाषा का चयन पेपर 1 तथा पेपर 2 के लिए किया जाता है ।जो भी छात्र जिस विषय में योग्यता रखता है (अंग्रेजी या संस्कृत) वह उसी विषय का चयन करता है
3. अंग्रेजी (English )= इस विषय में पेपर 1 तथा पेपर 2 के लिए English pedagogy,unseen passage,poetry and grammar से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं ।इसमें 15 प्रश्न इंग्लिश pedagogy के होते हैं तथा 15 प्रश्न अन्य से संबंधित होते हैं ।
4. संस्कृत = संस्कृत विषय में भी पेपर 1 व 2 के लिए संस्कृत व्याकरण, गद्य, पद्य है तथा संस्कृत भाषा के पेडगॉजी से प्रश्न पूछे जाते हैं।इनमें भी 15 प्रश्न pedagogy के तथा 15 प्रश्न व्याकरण , गद्य, पद्य होते हैं।
5. हिन्दी = यह विषय दोनों भाषाओं (अंग्रेजी तथा संस्कृत )के परीक्षार्थी के लिए अनिवार्य होता है । हिंदी विषय में पेपर 1 तथा पेपर 2 में हिंदी व्याकरण ,गद्य ,पद्य तथा हिंदी के pedagogy से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं । इसमें भी हिंदी पेडागोजी के 15 प्रश्न तथा अन्य से संबंधित 15 प्रश्न होते हैं ।
6. पर्यावरण अध्ययन = सीटेट की परीक्षा के पेपर 1 तथा पेपर 2 में पर्यावरण से संबंधित विषय को रखा गया है जिसे पर्यावरण अध्ययन के नाम से जाना जाता है ।पेपर 1 के पर्यावरण अध्ययन के अंतर्गत निम्नलिखित विषयों पर ध्यान दिया जाता है _
परिवार एवं पास पड़ोस, मित्र, भोजन से संबंधित विभिन्न पहलू , आवास, जल, यातायात, वे चिजें जो हम बनाते हैं तथा प्राप्त कर सकते हैं , पर्यावरण अध्ययन की अवधारणा एवं क्षेत्र, पर्यावरण अध्ययन का महत्व, पर्यावरण की अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण, पर्यावरण अध्ययन और पर्यावरणीय शिक्षा, अधिगम , विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान में सहसंबंध आदि विषयों का अध्ययन करते हैं।
पेपर 1 तथा पेपर 2 में पर्यावरण अध्ययन के pedagogy से संबंधित 15 प्रश्न भी आते हैं ,जिसमें NCF-2005 के अनुसार ; जो बाल केंद्रित शिक्षा पर आधारित है , इत्यादि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं ।
7. गणित = इस विषय के अंतर्गत पेपर 1 तथा पेपर 2 में ज्यामिति, आकार और स्थानिक समझ ,संख्याएं ,जोड़ तथा घटाना , गुणा ,भाग,मापन ,समय ,परिमाण ,आंकड़ा प्रबंधन ,पैटर्न तथा राशि ,आदि विषय – वस्तुओं का अध्ययन किया जाता है तथा इसमें गणित के pedagogy से भी 15 प्रश्न पूछे जाते हैं ।
8. सामाजिक अध्ययन (पेपर 2 के लिए ) =इस विषय का अध्ययन पेपर 2 के लिए किया जाता है। जो भी परीक्षार्थी पेपर 2 अर्थात कक्षा 6 से 8 तक या जूनियर की परीक्षा के लिए आवेदन किए रहते हैं वह इस विषय का अध्ययन करते हैं। इस विषय के अंतर्गत इतिहास, भूगोल तथा सामाजिक और राजनीतिक जीवन एवं सामाजिक विज्ञान के अध्यापन संबंधी मुद्दों का अध्ययन किया जाता है।
सीटेट की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां ………
सीटेट की परीक्षा की तैयारी के लिए निम्नलिखित जानकारियों पर ध्यान देना अति आवश्यक है _
1.ऑनलाइन क्लास तथा किताबों का महत्व
वर्तमान समय में देखा जाए तो ऑनलाइन क्लास का महत्व समय दर समय बढ़ता ही जा रहा है तथा यह महत्वपूर्ण भी है क्योंकि इसके माध्यम से हम घर पर बैठे सभी विषयों के विषय -वस्तुओं का अध्ययन कर लेते हैं तथा सभी विषयों का अपडेट अध्ययन होता रहता है ।
इसी प्रकार सीटेट की तैयारी के लिए ऑनलाइन क्लास का विशेष महत्व है यह क्लास करते वक्त हमारे आसपास एक पढ़ाई का वातावरण बन जाता है ,हमारी पढ़ने में रुचि भी बढ़ती है तथा हमें नई-नई जानकारियां भी प्राप्त होती हैं । इसके साथ-साथ सीटेट की तैयारी के लिए प्रैक्टिस सेट की किताबों का भी विशेष महत्व है ,इस प्रैक्टिस सेट के माध्यम से हम पिछले कई सालों के प्रश्नों को हल करते हैं तथा उनसे हमें सीटेट के प्रश्नों को हल करने का तरीका भी मालूम होता है ,पिछले वर्षों के पेपर को हल करने से हमें अपनी कमियों के बारे में भी पता चलता है और बार-बार रिपीट होने वाले प्रश्नों को भी हम दोहराते चलते हैं तथा अलग से नोट करते हैं जिसके माध्यम से हमें उन प्रश्नों को हल करने का उचित व सटीक तरीके का पता चलता है तथा पिछले वर्षों के पेपर को हल करने से हम समय का सदुपयोग करना सीख जाते हैं और कम से कम समय में सभी प्रश्नों को हल करने का प्रयास करते हैं ,जिससे हम सीटेट की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में सबसे आगे रहते हैं तथा सफलता प्राप्त करते भी हैं ।
विषय से जुड़े सिद्धांतों को तैयार करना
सीटेट की तैयारी में हमें सभी विषयों से जुड़े सिद्धांतों को अच्छे से तैयार करना अति आवश्यक होता है ,उस सिद्धांतों को किसने दिया उनका नाम तथा वह सिद्धांत किस पर आधारित हैं यह सभी बातें ध्यान देना अति आवश्यक होता है क्योंकि इन्हीं सिद्धांतों से संबंधित प्रश्न अवश्य पूछे जाते हैं ।
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हमारी कामना है कि हमारे इस ब्लॉग से संबंधित विषय वस्तु को पढ़कर आपको मदद मिले तथा आप सीटेट की परीक्षा में उत्तीर्ण हों ।
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