Maa durga ke 9 rupo ka mahatv माँ दुर्गा के 9 रूपों का महत्व और पूजा विधि
Maa durga ke 9 rupo ka mahatv माँ दुर्गा के 9 रूपों का महत्व और पूजा विधि माँ दुर्गा को शक्ति, साहस और नारीत्व का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें “नवदुर्गा” कहा जाता है। इन नौ दिनों में माँ के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है,
जो जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहाँ माँ दुर्गा के इन नौ रूपों का महत्व और उनकी पूजा विधि का वर्णन किया गया है:
नव दुर्गा के 9 नाम मंत्र maa durga
नवदुर्गा के नौ रूपों की पूजा के दौरान प्रत्येक देवी के लिए विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। ये मंत्र माँ दुर्गा के हर रूप की महिमा का गुणगान करते हैं और भक्तों को विशेष फल प्रदान करते हैं। यहाँ नवदुर्गा के नौ नाम और उनके मंत्र दिए गए हैं:
1. शैलपुत्री (पहला दिन)
मंत्र:
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।
2. ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)
मंत्र:
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।
3. चंद्रघंटा (तीसरा दिन)
मंत्र:
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः।
4. कूष्माण्डा (चौथा दिन)
मंत्र:
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः।
5. स्कंदमाता (पाँचवां दिन)
मंत्र:
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः।
6. कात्यायनी (छठा दिन)
मंत्र:
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।
7. कालरात्रि (सातवां दिन)
मंत्र:
ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।
8. महागौरी (आठवां दिन)
मंत्र:
ॐ देवी महागौर्यै नमः।
9. सिद्धिदात्री (नौवां दिन)
मंत्र:
ॐ देवी सिद्धिदात्यै नमः।
इन मंत्रों का नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान जाप करने से भक्तों को माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, और उनके जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि का वास होता है।
1. शैलपुत्री (पहला दिन)
महत्व:
शैलपुत्री माँ दुर्गा का पहला रूप है। शैल का अर्थ होता है “पर्वत,” और माँ शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री कहा जाता है। इनका वाहन वृषभ (बैल) है। माँ शैलपुत्री के हाथों में त्रिशूल और कमल का फूल है। यह रूप शक्ति और साहस का प्रतीक है।
पूजा विधि:
- पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा करते समय शुद्ध आसन पर बैठें और घी का दीपक जलाएँ।
- माँ को सफेद फूल चढ़ाएँ और घी का नैवेद्य अर्पित करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और माँ से आशीर्वाद मांगें।
2. ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)
महत्व:
माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या और साधना की देवी हैं। उनके इस रूप में माँ का तप और धैर्य दिखाया गया है। माँ ब्रह्मचारिणी के हाथों में माला और कमंडल है।
पूजा विधि:
- दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करें और शुद्ध घी का दीपक जलाएँ।
- उन्हें चीनी और मिश्री का भोग चढ़ाएँ।
- ध्यान और योग का अभ्यास करें, जिससे मन शांत और स्थिर हो सके।
3. चंद्रघंटा (तीसरा दिन)
महत्व:
माँ चंद्रघंटा का रूप अद्वितीय है। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र है, और इनके दस हाथ हैं जिनमें शस्त्र धारण किए हुए हैं। यह रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है।
पूजा विधि:
- तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा में मधुर धूप और दीप जलाएँ।
- उन्हें दूध और दूध से बनी मिठाइयों का भोग अर्पित करें।
- इस दिन ध्यान और शक्ति के महत्व पर ध्यान केंद्रित करें।
4. कूष्माण्डा (चौथा दिन)
महत्व:
माँ कूष्माण्डा इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति की देवी मानी जाती हैं। उनके मुस्कान से ही सृष्टि की रचना हुई थी। इस रूप में माँ के आठ हाथ हैं, जिनमें शस्त्र, कमंडल और अमृत कलश हैं।
पूजा विधि:
- चौथे दिन माँ कूष्माण्डा को मालपुआ का भोग चढ़ाएँ।
- शुद्ध जल और दूध से उनका अभिषेक करें।
- माँ की कृपा से स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त करें।
5. स्कंदमाता (पाँचवां दिन)
महत्व:
माँ स्कंदमाता का यह रूप मातृत्व का प्रतीक है। उनके पुत्र, भगवान कार्तिकेय (स्कंद) को गोद में लिए हुए इनका यह रूप दिखाया गया है। यह रूप करुणा और प्रेम का प्रतीक है।
पूजा विधि:
- पाँचवे दिन माँ स्कंदमाता को केले का भोग लगाएँ।
- माता को सफेद वस्त्र धारण कराएँ और उन्हें शांति और धैर्य से पूजा करें।
- माँ की कृपा से घर में शांति और खुशहाली का निवास होता है।
6. कात्यायनी (छठा दिन)
महत्व:
माँ कात्यायनी शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। देवी ने महर्षि कात्यायन के घर जन्म लिया था, इसी वजह से इन्हें कात्यायनी कहा जाता है। यह रूप बुराई का नाश करने वाली शक्ति का प्रतीक है।
पूजा विधि:
- छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा करते समय उन्हें शहद का भोग चढ़ाएँ।
- माँ को लाल फूल अर्पित करें और परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
7. कालरात्रि (सातवां दिन)
महत्व:
माँ कालरात्रि का रूप भय से मुक्ति दिलाने वाला है। उनका यह रूप बेहद उग्र है, लेकिन भक्तों के लिए कल्याणकारी है। माँ कालरात्रि सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं।
पूजा विधि:
- सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा में सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
- माँ को गुड़ का भोग अर्पित करें और मन की शुद्धि के लिए प्रार्थना करें।
- इस दिन शक्ति का ध्यान करें और अपने जीवन से सभी नकारात्मकता को दूर करने का संकल्प लें।
8. महागौरी (आठवां दिन)
महत्व:
माँ महागौरी का यह रूप सुंदरता, शांति और पवित्रता का प्रतीक है। माँ के इस रूप में चार हाथ हैं, और उनका वाहन बैल है। यह रूप आत्मशुद्धि और तपस्या की महिमा को दर्शाता है।
पूजा विधि:
- आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा करते समय नारियल का भोग चढ़ाएँ।
- माँ को सफेद फूल अर्पित करें और उन्हें दूध से स्नान कराएँ।
- इस दिन मन की शांति के लिए प्रार्थना करें और जीवन में संतुलन बनाए रखने का संकल्प लें।
9. सिद्धिदात्री (नौवां दिन)
महत्व:
माँ सिद्धिदात्री सिद्धियों की देवी हैं। इनका यह रूप सभी प्रकार की शक्तियों और सिद्धियों को प्रदान करने वाला है। यह रूप पूर्णता और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रतीक है।
पूजा विधि:
- नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा करते समय उन्हें तिल का भोग अर्पित करें।
- माँ को लाल वस्त्र अर्पित करें और ध्यान में उनकी शक्ति का अनुभव करें।
- माँ से सफलता और सिद्धि प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
नवरात्रि के दौरान पूजा की सामान्य विधि:
- कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित करें, जो माँ दुर्गा का प्रतीक होता है। इसे जल, सुपारी, दूर्वा, चावल और फूल से सजाएँ।
- ध्यान और व्रत: नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखें और माँ दुर्गा का ध्यान करें। व्रत रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है।
- आरती: प्रतिदिन सुबह और शाम माँ दुर्गा की आरती करें। धूप, दीप, नैवेद्य और फूल चढ़ाकर माँ की स्तुति करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: माँ दुर्गा की कथा और स्तुति करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
- कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नौ कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन और उपहार दें।
नवदुर्गा का महत्व:
माँ दुर्गा के नौ रूप हर प्रकार की जीवन समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करते हैं। ये रूप हमें शक्ति, साहस, आत्मविश्वास, शांति, और समृद्धि प्रदान करते हैं।
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ के नौ रूपों की पूजा करके व्यक्ति अपने जीवन में आंतरिक और बाहरी दोनों रूप से संतुलन पा सकता है।
नवरात्रि का पर्व आत्मशुद्धि, आत्मनिरीक्षण और नई ऊर्जा को प्राप्त करने का अवसर है। माँ दुर्गा की उपासना हमें जीवन के संघर्षों से लड़ने की शक्ति देती है और हमें आध्यात्मिक रूप से उन्नत बनाती है।
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Bahut jankari bhara lekh 👍😊