ipc dhara 452 kya hai ?
ipc dhara 452 किसी के घर में घुस के मार पीट करना, उसको धमकी देना, उसको आत्महत्या के लिए उत्साहन, उसको धमकी देना ये सब सघिय अपराध आईपीसी धारा 452 में आता है।
जैसा कि आप सभी लोग जानते है।की आज कल लोग एक एक पैसा के लिय दुश्मनी बढ़ती जा रही है।लोग कभी कभी घर में घुस के धमकी देने लगते है। घर में कोन है।कोन नहीं।ये वोह लोग भी देखते है।घर में घुस के मार पीट समान का तोड़ फोड़ करने लगते है। तथा अपसब्द भसाओ का भी यूज करते है।
कई बार ऐसा भी होता है।की जब घर का कोई सदस्य न हो।और कुछ लोग घुस के घर का सारा समान ले के चले जाय मतलब चोरी हो जाती है।तो इसे में भी धारा 452 के तहत मन जाता है।
अगर हमारी किसी से दुश्मनी है।या किसी से हमने उधारी लिया गया है। तो इसे में लोग अपना पैसा या दुश्मनी निकलने के लिए वो घर में घुस के या रोड पे 10 लोगो के साथ उनको धमकी देते है। कभी कभी बात इतनी बढ़ जाती है की लोग मारा पिट, खून खराबा, गाली गलौज तक बात पहुंच जाती है। यह सब धारा 452 की तहत ही आता है।
ipc dhara 452 सजा का प्रवधान। :-
- इसमें कम से कम 1 साल की सजा
- या ज्यादा से ज्यादा 7 साल की सजा हो सकती है।और आर्थिक रूप से भी सजा दी जा सकती है।
- यह एक गैर जमानती सहनी अपराध है।
- किसी भी न्याधिस द्वारा विचारणीय होता है।
- यह अपराध समझौता योग्य नहीं होता है।
- अगर यह अपराध समझौता जो क्यों हो गया तो दुश्मनी और बढ़ जाती है। यहां तक की एक दूसरे की जान भी जा सकती है। इसी कारण इस धारा को समझौता योग्य नहीं किया जाता है।
अपने ज्ञान को और बढ़ाये
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 360
- IPC Indian penal code की धारा 411 क्या है
- CRPC की धारा 125 क्या है
- धारा 375 क्या है तथा इससे जुड़े दंड प्रावधान क्या है?
ipc dhara 452 सजा से केसे बचे। :-
- आईपीसी धारा धोखाधड़ी से बचने के लिए हमें f.i.r. करवाना पड़ता हैं।
- F.I.R के बाद सबसे पहले हमें वकील करना पड़ता है। वकील से राय मशवरा करना होता है उन्हें जो भी सच्चाई है वह सब आपको बताना पड़ेगा तभी वकील आपकी मदद कर पाएंगे
- आप वकील से कुछ भी मत छुपाना अगर छुपाए तो यह केस आप पे ही भारी पड़ सकता है।
- सबूत के तौर पर जैसे कोई भी आपके घर में या धोखाधड़ी से आपसे कुछ हो जाता है। तो दोस्ती करके मारपीट करके तो सबूत के लिए सीसीटीवी कैमरा अगल-बगल के लोग जो भी आपको देखते हैं। या तो किसी ने वीडियो रिकॉर्डिंग कर लिया उस टाइम या हमारे बीच में कोई मौजूद हो जिसमें यह सब देखा है यही हमारे सबूत का आधार बनता है।
- जिससे बेल में समय में आसानी होती है।
- आपके पास सारे सबूत है और सुप्रीम कोर्ट में जमा तो नहीं मिल रही है तो आप पूरे सबूत के साथ हाई कोर्ट भी कर सकता है।
NOTE
हम आशा करते हैं हमारे द्वारा दिया गया इन सभी जानकारियों से आप संतुष्ट होंगे और हमारा यह लेख आपको बेहद पसंद आया होगा ।
दोस्तों शिक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की किसी भी तरह की अगर आपको कोई भी जानकारी चाहिए तो आप हमें बेझिझक होकर कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं और आपके सवालों को मद्देनजर रखते हुए हमारा अगला लेख तैयार होगा जिसमें जिन भी छात्र – छात्राओं ने सवाल पूछा होगा उस आर्टिकल में उन सभी बच्चों का नाम प्रतिपादित होगा।
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धन्यवाद LL
Anshi
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